गाजीपुर। दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के मामले में अब कार्रवाई की आंच पुलिस विभाग तक पहुंच गई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कासिमाबाद के तत्कालीन थानाध्यक्ष व वर्तमान में शादियाबाद थाने में तैनात उप निरीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई दुष्कर्म प्रकरण में आरोपित को बचाने और विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में की गई है।
कोतवाल नंदकुमार तिवारी ने लौटाई रकम, मिली सराहना
मामले से जुड़ी जांच में सामने आया कि भाजपा नेता मन्नू बिंद ने दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के लिए एक लाख रुपये एक पूर्व मंडल अध्यक्ष को दिए थे। उक्त मंडल अध्यक्ष ने आधी रकम पार्टी मोर्चा के एक जिला पदाधिकारी को पैरवी के लिए सौंप दी थी।
इस दौरान कोतवाल नंदकुमार तिवारी ने हस्तक्षेप कर पूरा खेल उजागर कर दिया। उन्होंने न केवल रकम वापस कराई बल्कि पीड़ित संतोष बिंद की पत्नी के बैंक खाते में रुपये जमा कराए। क्षेत्र में उनके इस कदम की लोगों ने विस्तृत प्रशंसा की और इसे ईमानदारी की मिसाल बताया।
एडीजी ने लिया संज्ञान, निष्पक्ष जांच के आदेश
मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। जांच में यह तथ्य सामने आया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार पांडेय ने जानबूझकर दुष्कर्म और एससी/एसटी एक्ट की धाराएं नहीं जोड़ीं तथा विवेचना को गुमराह किया। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
भाजपा संगठन में हलचल, पुलिस प्रशासन सतर्क
घटना के बाद भाजपा संगठन में हलचल मच गई है। पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी मामले की पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल, सीओ कासिमाबाद को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएगी।













