गाजीपुर। आगामी धान खरीद सत्र 2025–26 को सफल एवं पारदर्शी रूप से संचालित करने के उद्देश्य से सोमवार को जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में धान खरीद संबंधी कार्यशाला/प्रशिक्षण/बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में जिलेभर के सभी विपणन अधिकारी, विपणन निरीक्षक, मण्डी सचिव, सहकारी समितियों के प्रबंधक एवं धान क्रय केंद्र प्रभारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने धान खरीद से संबंधित तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों से तहसीलवार, ब्लॉकवार और संस्थानवार अनुमोदित धान क्रय केन्द्रों की स्थिति की जानकारी ली।
153 धान क्रय केंद्रों का अनुमोदन
बैठक में जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनुराग पांडेय ने बताया कि विपणन वर्ष 2025–26 के अंतर्गत जनपद में कुल 153 धान क्रय केंद्रों का अनुमोदन किया गया है। इनमें विपणन शाखा के 38, पीसीएफ के 22, पीसीयू के 71, यूपीएसएस के 13, मण्डी समिति के 8 तथा भारतीय खाद्य निगम का 1 केंद्र शामिल है।
उन्होंने बताया कि सभी क्रय केन्द्रों की जियो टैगिंग एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑनलाइन फीडिंग पूर्ण कर ली गई है। जिले में 53 मिलों ने आवेदन किया है, जिनमें से 52 मिलों का ऑनलाइन डेटा सत्यापित एवं लॉक कर दिया गया है। साथ ही, मिलों का भौतिक सत्यापन और केन्द्रों से मिलों का रूट चार्ट (KML फाइल) भी तैयार किया जा रहा है।
उपकरण और सुविधाओं की उपलब्धता
धान खरीद केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा, नमी मापक यंत्र, छनना, पॉवर डस्टर, कृषकों के बैठने की व्यवस्था, त्रिपाल, कम्प्यूटर/लैपटॉप, बैनर आदि सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। जनपद में धान खरीद हेतु 1541.798 गांठ नए जूट बोरे उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, सभी केन्द्रों को ई-पॉस मशीनें और आईरिस स्कैनर वितरित किए जा रहे हैं।
डीएम ने दिए कड़े निर्देश
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया कि—खरीद अवधि के दौरान अपने मोबाइल नंबर ऑन रखें, ताकि किसानों को संपर्क में सुविधा रहे।
प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे के बीच ई-पॉस मशीन से उपस्थिति दर्ज कराई जाए।
हर केंद्र पर किसान संपर्क रजिस्टर बनाया जाए, जिसमें किसान का नाम, पता, मोबाइल नंबर, संभावित विक्रय तिथि और मात्रा अंकित की जाए।
टोकन प्रणाली लागू कर किसानों में टोकन वितरण सुनिश्चित किया जाए।
हर तहसील में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए, जिसका नंबर सभी केंद्रों पर प्रदर्शित हो।
धान यदि गीला या गंदा हो तो तुरंत अस्वीकृत न किया जाए, बल्कि सुखाने और साफ करने का अवसर दिया जाए।
अस्वीकृति की स्थिति में कारणों का ऑनलाइन प्रविष्टि और रिजेक्शन रजिस्टर में विवरण दर्ज किया जाए।
किसानों के साथ शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार रखा जाए, अन्यथा शिकायत की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि किसानों को किसी भी केंद्र से अनावश्यक रूप से वापस न किया जाए और अपील प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाए।
बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) दिनेश कुमार, जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनुराग पांडेय, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, जिला प्रबंधक पीसीएफ, पीसीयू, यूपीएसएस, सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति जंगीपुर, मण्डी निरीक्षक दिलदारनगर, मुहम्मदाबाद, सैदपुर, समस्त क्षेत्रीय विपणन अधिकारी/निरीक्षक एवं धान क्रय केंद्र प्रभारी उपस्थित रहे।













