गाजीपुर ।जब लगन एवं मन से कार्य करने की ठान ली जाए तो बड़े से बड़े कार्य को भी सम्भव कराया जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण गाजीपुर शहर के थाना कोतवाली क्षेत्र में देखने को मिला जहां दशकों से चल रहे चर्चित भूमि विवाद को सूझबूझ एवं आपसी समझौते के आधार पर समाप्त करा दिया गया । तहसील एवं राजस्व कर्म चारी गण धीरेंद्र कुमार सिंह लेखपाल राजदेवपुर देहाती, शिवाजी सिंह लेखपाल गोंडा देहाती, सत्य प्रकाश पूर्व लेखपाल गोंडा देहाती एवं सत्यदेव वर्मा पूर्व लेखपाल गोंडा देहाती ने चार माह के सतत प्रयास से गाजीपुर शहर से लगे गोंडा देहाती के आराजी नंबर 110 ,112 और 111 में दशकों से चल रहे इस भूमि विवाद को समाप्त करा दिया । ज्ञातव्य हो कि रेलवे स्टेशन के निकट फूलनपुर रेलवे क्रॉसिंग पर स्थित जमीन पर बाहुबली स्व0 कमलेश सिंह जो मुख्तार अंसारी गिरोह के सक्रिय सदस्य रहे हैं ने कब्जा कर रखा था। इस जमीन के कुछ अंश पर अनिल कुमार उपाध्याय, अवधेश यादव, सुमन सिंह, संजय यादव एडवोकेट,संजय सिंह आदि लोगों ने भी अपना बैनामा करा रखा था ।किंतु बाहुबली स्व0 कमलेश सिंह द्वारा इन लोगों को अपनी जमीन पर कब्जा दखल करने एवं मकान बनाने से रोका जाता रहा। इस संबंध में दीवानी फौजदारी एवं राजस्व न्यायालय में दर्जनों मुकदमे चलते रहे ।वहां कई बार गोली चलने एवं हत्या के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज हुआ था ।इस संबंध में स्व0 कमलेश सिंह को कई बार जेल भी जाना पड़ा था। स्व0 कमलेश सिंह की 5 वर्ष पूर्व मृत्यु के पश्चात उनकी पत्नी श्रीमती उषा सिंह एवं पुत्र कुलदीप सिंह भी मुकदमे की पैरवी करते रहे ,किंतु सक्षम न्यायालय द्वारा भी कोई निस्तारण नहीं हो पाया। कुछ पीड़ितों द्वारा मामला राजस्व न्यायालय में ले जाया गया जिसको निपटाने की जिम्मेदारी स्थानीय लेखपाल शिवाजी सिंह को मिली ।उन्होंने लेखपाल धीरेंद्र सिंह जो एक कर्मठ एवं व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं को अपने साथ लेकर इस विवाद को हल करने की पहल की। अपने लेखपाल के व्यक्तित्व से हटकर सामाजिक व्यक्तित्व एवं जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए धीरेंद्र सिंह ने लेखपाल सत्यपाल एवं शिवजी सिंह के साथ मिलकर दोनों पक्षों को बैठाया और लगातार चार महीने तक बातचीत कर इस असंभव सा दिखने वाले भूमि विवाद को हलकर कर सभी पक्षकारों को अपना-अपना हिस्सा देकर कब्जा दखल करा दिया ।
सभी पक्षकारों ने खुशी-खुशी एक दूसरे को मिठाई खिलाकर गले लगाया और भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न कर एक दूसरे को सहयोग देने की बात कही।
राजस्व कर्मियों द्वारा इस तरह का सौहार्दपूर्ण कार्य करने को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा प्रशंसा की जा रही है वहीं यह कहा जा रहा है कि यदि सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन करें तो बड़ी-बड़ी घटनाएं होने से बचा जा सकता है।