गाजीपुर। नंदगंज बाजार और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बिना किसी वैध पंजीकरण और सुरक्षा मानकों के जुगाड़ गाड़ियाँ सड़कों पर तेज़ रफ्तार से दौड़ रही हैं। लोहे की सरिया, ईंट, बालू और भारी सामान से लदी ये अस्थायी गाड़ियाँ स्थानीय लोगों और राहगीरों के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इन गाड़ियों के चालक न तो प्रशिक्षित हैं और न ही उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर है। ये वाहन ट्रैक्टर के इंजन या पुराने ऑटो के पुर्जों से जोड़कर तैयार किए जाते हैं और इन्हें “जुगाड़ वाहन” कहा जाता है। इनकी रफ्तार भले कम हो, मगर बिना ब्रेक और बिना सिग्नल के चलने के कारण किसी भी वक्त गंभीर दुर्घटना हो सकती है।
स्थानीयों की शिकायतें
नंदगंज बाजार के दुकानदार अशोक गुप्ता ने बताया – “जब सरिया या लोहे से लदी जुगाड़ गाड़ियाँ गुजरती हैं, तो पीछे कोई लाल झंडी या चेतावनी संकेत भी नहीं लगाया जाता। अगर कोई बाइक सवार या पैदल व्यक्ति पास से निकल जाए तो टक्कर तय है।”
इसी तरह स्थानीय निवासी राजेश यादव का कहना है – “ये गाड़ियाँ रात में भी बिना लाइट और रिफ्लेक्टर के चलती हैं। कई बार हमने पुलिस को सूचना दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।”
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण इन वाहनों के हौसले बुलंद हैं। कई चालक खुलेआम मुख्य सड़कों और बाजारों में सरिया, एंगल, पाइप जैसी भारी सामग्री लेकर निकलते हैं। तेज़ मोड़ों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ये गाड़ियाँ लोगों की जान के लिए सीधा खतरा बन गई हैं।
पिछले कुछ महीनों में ऐसे जुगाड़ वाहनों की वजह से कई जगहों पर छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं। परंतु, अब तक किसी भी चालक या वाहन मालिक पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोग आशंका जता रहे हैं कि यदि समय रहते प्रशासन ने सख्ती नहीं की, तो किसी दिन बड़ी जनहानि हो सकती है।
नागरिकों की मांग
स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि ऐसे जुगाड़ वाहनों की तुरंत जांच कराई जाए। बिना रजिस्ट्रेशन, बिना सुरक्षा उपकरण और बिना मानक के चलने वाले इन वाहनों को सड़क से हटाया जाए, ताकि संभावित दुर्घटनाओं को टाला जा सके।













