किसानों को दी गई नवीनतम तकनीकी जानकारी — पराली न जलाने की अपील

गाजीपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र पी.जी. कॉलेज गाजीपुर के प्रांगण में “कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम वर्ष 2025–26” के अंतर्गत एक दिवसीय एग्रोक्लाइमेटिक कृषि मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सरिता अग्रवाल ने की।
मेले में जिले के विभिन्न विभागों और निजी प्रतिष्ठानों द्वारा अपने-अपने स्टॉल लगाए गए। किसानों को नई तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नाबार्ड और लीड बैंक अधिकारी की ओर से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में उपस्थित उप कृषि निदेशक ने किसानों से अपील की कि वे पराली प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें और पराली को न जलाएं। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों को पराली को मिट्टी पलट हल से जुताई कर यूरिया का छिड़काव करने और सिंचाई करने की सलाह दी, जिससे अवशेष शीघ्र सड़कर मिट्टी में मिल जाते हैं।

उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर शासन द्वारा जुर्माने का प्रावधान भी है —
2 हेक्टेयर तक पर ₹5,000 का जुर्माना
2 से 5 हेक्टेयर तक पर ₹10,000 का जुर्माना
5 हेक्टेयर से अधिक पर ₹30,000 प्रति घटना जुर्माना

इसके साथ ही उप कृषि निदेशक ने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ के लिए फार्मर रजिस्ट्री करवाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि लाभार्थी किसान क्षेत्रीय कृषि कर्मचारियों या लेखपाल से संपर्क कर अपनी रजिस्ट्री करवा सकते हैं।
मेले में फसल बीमा प्रतिनिधि राजीव रंजन ने फसल बीमा योजना की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान किसानों में चना, मटर, मसूर और सरसों के बीज के 120 मिनी किट भी वितरित किए गए।
कृषि विज्ञान केन्द्र आकुशपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. शशांक सिंह, पी.जी. कॉलेज गाजीपुर के वैज्ञानिक डॉ. डी.के. सिंह और डॉ. ओमकार सिंह ने किसानों को रबी फसलों से संबंधित नई तकनीकों की जानकारी दी और अधिक उपज प्राप्त करने के उपाय बताए।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और तकनीकी जानकारियों से लाभान्वित हुए।













