गाज़ीपुर। सेवराई तहसील क्षेत्र के पचौरी गांव निवासी 85 वर्षीय मुंशी सिंह कुशवाहा ने मरणोपरांत देहदान कर मानवता के प्रति एक मिसाल पेश की है। उनके पुत्र मनोज कुमार सिंह और मुनीब सिंह ने पिता की अंतिम इच्छा के अनुरूप देहदान की सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए शरीर को गाजीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को सौंपा।
मुंशी कुशवाहा ने अपने जीवनकाल में ही अंगदान व देहदान का संकल्प लिया था। उनके बेटे मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पिता का मानना था — “मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी का ढेर बन जाता है, जबकि इसके अंग कई ज़िंदगियों को नया जीवन दे सकते हैं।” उन्होंने आंखें, गुर्दे और ब्रेन पार्ट जैसे अंग जरूरतमंदों के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया था।
मुंशी कुशवाहा ने अपने परिजनों से कहा था कि मृत्यु के बाद किसी भी प्रकार का शोक समारोह, मृत्युभोज या अन्य आयोजन न किया जाए। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से भी अपील की थी कि वे मानव कल्याण के लिए आगे आएं और देहदान जैसे कार्यों को बढ़ावा दें।
उनकी इस महान भावना ने पूरे क्षेत्र में मानवीय मूल्यों और सामाजिक चेतना का सशक्त संदेश दिया है।













