बलिया। डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व वादों के निस्तारण के संबंध में बैठक की। आशुलिपिकों और नायब तहसीलदारों को चेतावनी दी कि यदि वे दो से तीन दिनों में कंप्यूटर पर कार्य करने, फाइलें ऑनलाइन देखने, अपलोड करने तथा अन्य डिजिटल कार्यों को सीखने में विफल रहते हैं तो वेतन रोक दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने धारा-34 से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से ऑनलाइन प्राप्त होने वाले बैनामों का उसी दिन निस्तारण अनिवार्य रूप से किया जाए। प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि आरसीसी पोर्टल पर प्रतिदिन प्राप्त हो रहे आवेदन पत्रों की नियमित रूप से जांच की जाए तथा संबंधित स्कैन दस्तावेजों को समय से अपलोड किया जाए। एसडीएम को निर्देशित किया गया कि न्यायालय में आशुलिपिकों के लिए कंप्यूटर की अनिवार्य व्यवस्था करें। आशुलिपिक और नायब तहसीलदार कंप्यूटर पर काम करने के प्रति जागरूक हों।
डीएम ने कहा कि धारा-34 के अंतर्गत तद्घोषणा में जनसुनवाई की निस्तारण अवधि 30 दिन निर्धारित है। खातेदारों को एक नोटिस तत्काल और दूसरा 15 दिनों के भीतर जारी करते हुए पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के अंदर पूर्ण की जाए। आशुलिपिकों और पेशकारों को निर्देश दिया कि बिना हस्ताक्षर वाली किसी भी फाइल का संज्ञान न लिया जाए। यदि किसी व्यक्ति की फाइल गायब पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। एडीएम अनिल कुमार गुप्ता, सीआरओ त्रिभुवन सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट आसाराम शर्मा रहे।













