नई दिल्ली। पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष बनने की दौड़ में नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों से ऐसी अफवाहें चल रही थीं कि मास्टर ब्लास्टर को रोजर बिन्नी की जगह लेने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, एसआरटी स्पोर्ट्स ने सचिन के हवाले से एक आधिकारिक बयान जारी कर पुष्टि की है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।आधिकारिक बयान में कहा गया है, हमारे संज्ञान में आया है कि सचिन तेंदुलकर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए विचार किए जाने या नामित किए जाने के बारे में कुछ रिपोर्ट और अफवाहें फैल रही हैं। हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हम सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे निराधार अटकलों पर ध्यान न दें।
बीसीसीआई अध्यक्ष का पद फिलहाल खाली है। क्योंकि, रोजर बिन्नी को इस साल की शुरुआत में 70 साल की आयु पूरी करने के बाद पद छोड़ना पड़ा था। बोर्ड के संविधान के अनुसार, कोई भी पदाधिकारी इस आयु सीमा के बाद पद पर नहीं रह सकता। इस बीच उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कार्यवाहक अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है।
पदाधिकारियों के चुनाव 28 सितंबर को होने वाली बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में होंगे और ऐसी अटकलें हैं कि सर्वसम्मति से इस पद के लिए किसी बड़े क्रिकेटर से संपर्क किया जा सकता है। हाल ही में दैनिक जागरण के खेल संपादक अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि एक दिग्गज भारतीय क्रिकेटर के नाम पर भी इस शीर्ष पद के लिए विचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूर्व क्रिकेटरों द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभालने का चलन 2019 में शुरू हुआ। जब सौरव गांगुली ने यह पद संभाला। बाद में भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य बिन्नी ने उनका स्थान लिया। हालांकि, तेंदुलकर के स्पष्टीकरण से बीसीसीआई के अध्यक्ष को लेकर रहस्य और बढ़ गया है। खिलाफ सेमीफाइनल में अपने आदर्श खिलाड़ी के घरेलू मैदान वानखेड़े स्टेडियम में यह उपलब्धि हासिल की













