गाजीपुर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर गाजीपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हथियाराम मठ में प्रबुद्ध जनों से संवाद किया और जनसभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस प्राचीन पीठ पर बुढ़िया देवी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पीठ पिछले नौ सौ वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि “गाजीपुर जनपद समृद्ध परंपरा और गौरवशाली इतिहास का प्रतीक रहा है। रामायण काल से ही यह क्षेत्र आध्यात्मिक चेतना और ऊर्जा का केंद्र रहा है। नौ सौ वर्ष पूर्व हथियाराम पीठ से सन्यासियों की परंपरा शुरू हुई, जिसने पूरे क्षेत्र में धार्मिक जागरण का कार्य किया।”


उन्होंने कहा कि भारत की पहचान धार्मिक और आध्यात्मिक वृत्ति से होती है। जहां दुनिया के कई देशों में प्रकृति और जीवनशैली अलग-अलग रूप में दिखाई देती है, वहीं भारत में धर्म और अध्यात्म हमारे समाज की आत्मा में समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे मठ और मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और एकता के सूत्र में देश को बांधने का कार्य भी करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में हुए ऐतिहासिक बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा, “आठ वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर एक सपना था। जब भक्त कहते थे ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ तो कुछ लोग उस पर प्रश्नचिह्न लगाते थे। लेकिन सत्य संकल्प के साथ सभी लक्ष्य पूरे होते हैं—आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर साकार हो चुका है।”

उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में चार द्वार पूज्य शंकराचार्यों के नाम समर्पित किए गए हैं और महर्षि वाल्मीकि के नाम पर एयरपोर्ट का निर्माण हुआ है। “भगवान श्रीराम का संकल्प आतंकवाद को खत्म करने और न्याय स्थापित करने का था। हमें भी उसी भाव के साथ समाज में एकता, सुरक्षा और समरसता को बढ़ावा देना होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर भारतीय के मन में भारतीयता का भाव होना चाहिए। उन्होंने मठ, मंदिरों और धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं पुनरोद्धार पर बल देते हुए कहा, “सज्जनों का हर हाल में संरक्षण होना चाहिए। अगर कोई अच्छा कार्य कर रहा है तो समाज को उसका समर्थन करना चाहिए। हमें जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर एकजुटता से कार्य करना होगा।”

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन, साधु-संत और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान हथियाराम मठ परिसर में आध्यात्मिक माहौल और धार्मिक उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर प्रशासनिक और राजनैतिक प्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री के विचारों का समर्थन करते हुए मठों और मंदिरों की परंपरा को भारत की सांस्कृतिक एकता का मजबूत आधार बताया।















