गाजीपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर रायबरेली स्थित फिरोज गांधी कॉलेज में भारतीय सामुदायिक मनोविज्ञान संघ (CPAI) के तकनीकी सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. डॉ. राजेन्द्र राजपूत को उनकी “सुदीर्घ सामुदायिक मनोविज्ञान सेवाओं” के लिए सम्मानित किया गया।

इस संगोष्ठी का विषय था — “वृद्धजनों का मानसिक स्वास्थ्य: एक अनदेखा आपातकाल”।
कार्यक्रम में प्रो. डॉ. राजपूत को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। वे पिछले 30 वर्षों से सामुदायिक मनोविज्ञान को “क्लासरूम से कम्युनिटी तक” पहुंचाने में निरंतर सक्रिय हैं। वे राष्ट्रपति पुरस्कार से भी पूर्व में सम्मानित हो चुके हैं तथा कई विदेशी विश्वविद्यालयों के परामर्शदाता के रूप में भी सेवाएं दे रहे हैं।

संगोष्ठी में प्रो. डॉ. राजपूत ने प्रो. ए.एन. राय और प्रो. डॉ. रीना सिंह के साथ मुख्य भाषण दिया। पैनल चर्चा में डॉ. निशा मणि पांडे (केजीएमयू) और डॉ. प्रमोद कुमार (आईआईएफटी) ने भी भाग लिया।
डॉ. राजपूत ने अपने संबोधन में कहा —
“वृद्धजनों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल घर से शुरू होनी चाहिए। हमें सबसे पहले अपने माता-पिता से दैनिक संवाद स्थापित करना होगा — यही सबसे बड़ा मनोवैज्ञानिक सहारा है।”
इस अवसर पर CPAI के सचिव प्रो. रामजी लाल का विशेष आभार व्यक्त किया गया। संगोष्ठी में देशभर के मनोविज्ञान विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।













